हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, फिलिस्तीनी स्रोतों ने बताया कि यह हमला ग़ाज़ा पर जारी ज़ायोनी बर्बरता की एक और खौफनाक मिसाल है, जिसने एक बार फिर इलाके को लहूलुहान कर दिया।
क़ाबिज़ ज़ायोनी सेना की आपराधिक बमबारी ने ग़ाज़ा में तबाही मचा दी, जबकि मानवाधिकार संगठनों और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की तरफ से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई, वे खामोश दर्शक बनी हुई हैं।
फिलिस्तीनी सूत्रों ने चिकित्सा अधिकारियों के हवाले से बताया कि शुक्रवार की सुबह किए गए हमलों में खास तौर पर ग़ाज़ा के उत्तर में स्थित बेइत लाहिया और जबालिया इलाकों को गंभीर रूप से निशाना बनाया गया, जिससे दर्जनों लोग मलबे के नीचे दब कर शहीद या लापता हो गए।
स्थानीय मीडिया ने हमलों के बाद की तबाही की भयावह तस्वीरें और वीडियो जारी किए हैं, जिनमें घरों का मलबा, घायल बच्चे, मलबे के नीचे दबे हुए लोग और बिलखते हुए परिवार देखे जा सकते हैं।
ग़ाज़ा में ज़ायोनी अत्याचार का यह नया अध्याय ऐसे समय सामने आया है जब अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की ओर से न तो कोई प्रभावी कदम उठाया गया है और न ही कोई स्पष्ट निंदा की गई है। विश्लेषकों के अनुसार, यह ख़ामोशी स्वयं एक गंभीर आपराधिक अनदेखी के समान है।
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